18 दिसंबर 2022

आरती ॐ जय जगदीश हरे

 





 जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे

 भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट 

क्षण  में दूर करें ओम जय ...................

 जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का ,

सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का ओम जय .........

मात पिता तुम मेरे, शरण गहुँ मै किसकी 

तुम बिना और न दूजा आस करूं मै जिसकी  ओम जय .........

तुम पूर्ण परमात्मा तुम अंतर्यामी 

पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी  ओम जय .........

तुम करुणा के सागर तुम पालन करता 

मै मुर्ख खल कामी कृपा करो भर्ता  ओम जय .........

तुम हो एक अगोचर  सबके स्वामी प्राणपति 

किस विधि मिलूं दयालु    तुमको मैं कुमति ओम जय .........

दीन बंधू दुख हर्ता ठाकुर तुम मेरे 

अपने हाथ उठाओ अपने चरण लगाओ द्वार पड़ा मै तेरे ओम जय .........

विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा 

श्रद्धा  भक्ति बढाओ संतन की सेवा ओम जय .........

तन मन धन सब कुछ है तेरा 

तेरा तुझ को अर्पण क्या लागे मेरा ओम जय .........

श्री श्याम सुन्दर जी की आरती जो कोई नर  गावे

कहत शिवानन्द स्वामी मन वांछित फल पावे ओम जय .........

जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे

 भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट 

क्षण  में दूर करें ओम जय .......*............






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